Title :- Agam – Rudrashtakam | रुद्राष्टकम | Most
*POWERFUL* Shiva Mantras Ever | Shiv|
Category Name:- Lord Shiv Bhajan
Author Name:- Agam Aggarwal
Publishing Year:- 2020-06-01 02:41:03
Music Lenth:- 00:05:14 Min
Rudrashtakam Mantra lyrics:
श्रीरुद्राष्टकं
( तुलसीदास )
नमामीशमीशान
निर्वाणरूपं विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् ।
निजं
निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ॥ १॥
निराकारमोंकारमूलं
तुरीयं गिरा ज्ञान गोतीतमीशं
गिरीशम् ।
करालं
महाकाल कालं कृपालं गुणागार
संसारपारं नतोऽहम् ॥ २॥
तुषाराद्रि
संकाश गौरं गभीरं मनोभूत
कोटिप्रभा श्री शरीरम् ।
स्फुरन्मौलि
कल्लोलिनी चारु गङ्गा लसद्भालबालेन्दु
कण्ठे भुजङ्गा ॥ ३॥
चलत्कुण्डलं
भ्रू सुनेत्रं विशालं प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् ।
मृगाधीशचर्माम्बरं
मुण्डमालं प्रियं शंकरं सर्वनाथं भजामि ॥ ४॥
प्रचण्डं
प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशम् ।
त्रयः
शूल निर्मूलनं शूलपाणिं भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यम् ॥ ५॥
कलातीत
कल्याण कल्पान्तकारी सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी
।
चिदानन्द
संदोह मोहापहारी प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ॥ ६॥
न यावद् उमानाथपादारविन्दं भजन्तीह लोके परे वा
नराणाम् ।
न तावत्सुखं शान्ति सन्तापनाशं प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासम् ॥ ७॥
न जानामि योगं जपं नैव
पूजां नतोऽहं सदा सर्वदा शम्भु
तुभ्यम् ।
जरा
जन्म दुःखौघ तातप्यमानं प्रभो पाहि आपन्नमामीश शम्भो
॥ ८॥
रुद्राष्टकमिदं
प्रोक्तं विप्रेण हरतोषये ।
ये पठन्ति नरा भक्त्या तेषां
शम्भुः प्रसीदति ॥
॥ इति श्रीगोस्वामितुलसीदासकृतं श्रीरुद्राष्टकं सम्पूर्णम्